शाहरुख खान पिछले कुछ समय से इम्तियाज अली और आनंद एल राय जैसे नए डायरेक्टर्स के साथ काम करते नज़र आए हैं. अब खबरें हैं कि वे राजकुमार हिरानी के साथ एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. वही हिरानी जिन्होंने एक अदद सुपरहिट को तरसते रणबीर कपूर को भी संजू के रूप में 300 करोड़ की फिल्म दिलाई थी. इम्तियाज और आनंद एल राय के साथ आई शाहरूख की दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रहीं. वहीं आमिर खान भी एक पल शिखर पर होते हैं दूजे पल अपने फैंस से अपनी फिल्म के लिए माफी मांगते दिखते हैं. दंगल के साथ रिकॉर्ड़ तोड़ कमाई करने वाले आमिर खान फिल्म ठग्स ऑफ हिंदोस्तान की स्क्रिप्ट पर निराशा जताई थी.
लेकिन खान तिकड़ी के तीसरे सुल्तान सलमान खान का जलवा बेदस्तूर कायम है. सोशल मीडिया पर मचे कंटेंट के हल्ले से इतर सलमान केवल अपने फॉर्मूले पर ही अमल करते हुए नित नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. उनकी हालिया रिलीज भारत सलमान के करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग वाली फिल्म बन गई है. एक ऐसे समय में जब हर युवा या अधेड़ स्टार कंटेंट पर फोकस की बात कर रहे हैं, 'स्त्री', अंधाधुन, तुम्बाड जैसी फिल्में बेहतरीन स्क्रिप्ट्स के साथ ही साथ बॉक्स ऑफिस पर भी बड़ा कलेक्शन कर रही हैं, सोशल मीडिया पर माउथ पब्लिसिटी से फिल्मों का बिजनेस प्रभावित किया जा रहा है, ऐसे समय में भी सलमान का स्टारडम जस का तस बना हुआ है.
दरअसल सलमान अपने फैंस और अपनी ऑडियन्स को लेकर निश्चिंत हैं. उन्हें पता है कि वे बच्चों और परिवारों के बीच लोकप्रिय है. इसलिए वे अक्सर साफ सुथरी छवि वाले सकारात्मक किरदारों में दिखते हैं जिनमें शेड्स की गुंजाइश कम होती है. वे अपनी फिल्मों में कभी इंटीमेट सीन्स में नज़र नहीं आते, उनकी फिल्मों के गाने भी उनकी पर्सनालिटी की तरह ही लार्जर दैन लाइफ होते हैं. वे साफ कहते हैं - 'मैं फिल्में बनाता हूं ताकि मेरे फैंस थियेटर जाएं और अच्छा समय बिताएं. थोड़ा कुछ सीखने को मिले, थोड़ा डांस करे, थोड़ा सा रोएं और थोड़ा सा उस कैरेक्टर का 10-15 प्रतिशत घर पर लेकर जाए और उसको अपने जीवन में उतारने की कोशिश करें.'
सलमान अपनी इस इमेज को लेकर कितने गंभीर है, वो इस बयान से समझ आ जाता है. सलमान कहते हैं, 'मेरी फिल्म का गाना जब कोई दो तीन साल का बच्चा वो गाना शुरू करता है, वो बैरोमीटर है कि ये गाना हिट है. मैं किसी म्यूज़िक पंडित का वेट नहीं करता हूं जो फिल्म के गानों को लेकर अपनी राय दें. मुझे लगता है कि मेरे लिए उस बच्चे की राय मायने रखती है.'
हालांकि, सलमान ये भी जानते हैं कि फिल्मों की स्क्रिप्ट्स हल्की होने पर उनकी फिल्मों के कलेक्शन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि जो खराब स्क्रिप्ट होती है, उसे हिट कराना काफी मुश्किल होता है. आप चाहे कितने भी अच्छे एक्टर क्यों ना हो, एक खराब स्क्रिप्ट को हिट कराना लगभग नामुमकिन हैं. ट्यूबलाइट और रेस 3 वो फिल्में कही जा सकती है, जब सलमान आरामतलबी में थे. सलमान ये भी जानते हैं कि अगर उनकी फिल्मों की स्क्रिप्ट्स बेहतर हों तो कलेक्शन में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हो सकती है उदाहरण के तौर पर बजरंगी भाईजान, शायद यही कारण है कि वे बहुत ज्यादा फिल्मकारों के साथ प्रयोग नहीं कर रहे हैं और एक निश्चित कंफर्ट जोन में रहते हुए मेनस्ट्रीम लेकिन एंटरटेंमेन्ट से भरपूर फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं और अपने विलक्षण स्टारडम के साथ सही मायनों में बॉलीवुड के असल मेगास्टार बने हुए हैं.
दरअसल सलमान अपने फैंस और अपनी ऑडियन्स को लेकर निश्चिंत हैं. उन्हें पता है कि वे बच्चों और परिवारों के बीच लोकप्रिय है. इसलिए वे अक्सर साफ सुथरी छवि वाले सकारात्मक किरदारों में दिखते हैं जिनमें शेड्स की गुंजाइश कम होती है. वे अपनी फिल्मों में कभी इंटीमेट सीन्स में नज़र नहीं आते, उनकी फिल्मों के गाने भी उनकी पर्सनालिटी की तरह ही लार्जर दैन लाइफ होते हैं. वे साफ कहते हैं - 'मैं फिल्में बनाता हूं ताकि मेरे फैंस थियेटर जाएं और अच्छा समय बिताएं. थोड़ा कुछ सीखने को मिले, थोड़ा डांस करे, थोड़ा सा रोएं और थोड़ा सा उस कैरेक्टर का 10-15 प्रतिशत घर पर लेकर जाए और उसको अपने जीवन में उतारने की कोशिश करें.'
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